नव- वर्ष
नव- वर्ष की पूर्व संध्या पर सोचा कुछ तो नव संकल्प करें
नव- वर्ष
नव- वर्ष की पूर्व संध्या पर सोचा कुछ तो नव संकल्प करें
नवबर्ष
यह दिल भी क्या चीज़ है खुदा ने बनाई ,
गहरी चोट भी झेल जाता है कमबख्त आराम सेपर हल्की सी ठेस से भी घायल हो जाता है बिन आवाज़ सेकिसी लम्हे इतरा उठता है बेवजह ,बिन मक़सद केसुन्न हो जाता है ,कभी कर्कश वाणी के तीरों सेनज़रें भी भाँप लेता है बड़ी जल्दी यह उठती अपनी ओरपीठ पीछे भी शायद इसको दिख जाता है चहुं ओरबेबजह खुश हो उठता है अक्सर बे -मकसद यू हीबैठे -बैठे डूब जाता है गम की गहराइयों मेंस्थिर रहने की शायद फितरत ही नहीं है इसकी ,बहुत जुगत की हमने भी सम्हालने की इसकोपर नाकामयाब ही रहे रोके रखने में सदेव इसको
अयोध्या गमन
आई एम ए द्वारा आयोजीत बनारस और अयोध्या की यात्रा
अयोध्या को गमन और शिव शम्भू का सबको नमन
किसी पर चढ़ा है राम रंग और कहीं छाई है भंग की तरंग
जिंदगी से निकाले कुछ कीमती पल हम सबने परिवार संग आनंद उठाने को
अपने बच्चों को भी सनातन धर्म,राम लला और शिव शम्भू से रूबरू करवाने को
सुवासित पकवान, मधुर हास-परिहास और यात्रा में बहुत कुछ था मन लगाने को
प्रभु प्रेमी यात्रियो का था साथ ,कुछ थी अधूरी आस भोले बाबा को बताने को
एक पंथ दो कांज उक्ति को IMA ने बाखूबी है अज़माया
काशी में गोते लगवाने के साथ पत्नियों का रक्त संचार भी है बढ़वाया
साड़ी,शॉपिंग नाम की खतरनाक बीमारी का बनारस मे है सटीक इलाज करवाया
पैनडैमिक मे जो ईश्वर ने बक्शी है उधार की साँसे हमको spritutal trip ने यह लोक और परलोक
सुधारने का सुनहरा मौका दिया है हम सबको
जय श्री राम
जय श्री श्याम
जय शिव शम्भू
अफगानी औरतें
श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...