शनिवार, 30 जुलाई 2022

 

छोटी-छोटी खुशियाँ भी जीवन को कर देती हैं रंगीन
इनको भी जी कर देखो जीने का नज़रिया हो जाएगा रंगीन
हर वक़्त हम जीवन की कमियाँ दूंदते रह जाते हैं ,यही सोच है संगीन
क्या हमने है पाया ?स्वस्थ काया ,सर पर छत,थाली में भोजन और वस्त्र
तनिक इनके बगैर जीवन सोच कर देखो ,सांस थम जाएगी ,होगा अति कष्ट
जो पाया है ,इनायत है ,मेहरबानी है उस रब की,गर कर लिया दिल को संतुष्ट
दूजे की थाली के लड्डू गजब लगते हैं ,यह ही है मानव स्वभाव की व्यथा
खुद के बनाए मकड़-जाल में उलझा रहता है सदेव ,यह ही है इसकी कथा
जो है ,जितना है उसमें खुश रहना है हमारे अपने बस में ,इसका ना कोई तोड़
जितना पाया उस रब से ,है वो बहुत अनमोल ,है बहुत अनमोल ......
रोशी --
May be an image of one or more people and text that says '"Be happy for this moment. This moment is your life." SHAR KHAYYAM Fem'

Like
Comment
Share

गुरुवार, 28 जुलाई 2022

 माँ और बालक का है गर्भ से ही अटूट,अद्भुत रिश्ता

ज्यो होता नव जीवन का उदय स्वतः गढ़ जाता यह रिश्ता
बालक का पोषण,विकास सम्पूर्ण ही होता माँ पर निर्भर
माँ और बालक बन जाते एक दूजे के पूरक,और परस्पर निर्भर
दिन -प्रतिदिन पोषित होता स्वमेव यह रिश्ता, मिले ना दूजा मेल इसका
जब हो दुख -तकलीफ जीवन में आता स्वयं जुंबा पर नाम माँ ही का
सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड में है यह सच कि माँ के सिवा कोई नाम याद रहे ना किसी का
रोशी--

 ज़िंदगी का सफर दिखा जाता है रोज़ नए रंग

प्रतिदिन ज़िंदगी के सफे पर दिखते हैं अद्भुत रंग
चोरी ,गलती पकड़ी जाने पर चेहरे का पड़ता शफ़्फाक रंग
गिरगिट को पीछे छोड़ चुके इन्सानों का हर छड़ बदलते रंग
दुल्हन -दूल्हे के लाल होते चेहरों का लालित्य पूर्ण रंग
बालक को चॉकलेट थमाते उसके खिले चेहरे का अद्भुत रंग
पीड़ा -गम से लबरेज इंसान की काया का पड़ता पीला रंग
नवयुवती की आँखों के बदलते रंगों का भी होता अलग रंग
युवक के आसमां को छू लेने के सपनों का भी दिखता है अलग रंग
परीक्षा हाल में जाते विद्यार्थी के चेहरे पर बदलते ,उड़े -उड़े रंग
सीमा पर जाते सैनिक के जोश -हौसले का होता अद्भुत रंग
हर रंग कुछ ना कुछ कहता ,बयां कर जाता हमसे अपनी कहानी
हर रंग की होती अपनी जुबां,खामोशी से दिखा जाता अपनी रवानी
रोशी --
No photo description available.
Suman Gupta, Poonam Agarwal and 7 others
3 Comments
Like
Comment
Share

 हरियाला सावन आया ,फिज़ा में हरितमा साथ लाया

बाग -बगीचे हरे हुए ,चहुं ओर हरा रंग बिखरा पाया
काले घने मेघ छाए ,धरती ने शीतल जल है पाया
पीपल की डार पर पड़े झूले ,सावन के गीतों ने माहौल सजाया
कंही सजते तीज के सिंधारे पिया मिलन ने सजनी को तड़पाया
चूड़ी -मेहंदी के रंगो ने है सखियों की नींद है को खूब उड़ाया
जिनके प्रियतम बसे परदेस उनकी दशा को कवि भी ना बखान पाया
भोले बाबा की जय -जयकार से हर शिवालय गुंजारित ,बम -बम भोले लहराया
हर जगह दिखते कांवरथी ,अद्भुत जोश ,भोले का उद्घोष फिजाँ में है समाया
तप्त काया पर जब पड़ती शीतल बूंद उस एहसास को ना कोई बखान पाया
प्यासे पपीहे की आकुलता जब सावन की बदरी करती तृप्त कोई जान ना पाया
इस अनोखे सावन का मज़ा जिसने चखा ,वो ही इसका बखान दिल से कर पाया
रोशी -
May be an image of 3 people, people standing, outdoors and text
Neelu Singh, Sweaty Agarwal and 2 others

 बुजुर्गों वास्ते रोज़ नए बनते वृद्धाश्रमों की देश में बड़ती गिनती

हमारी पीड़ी पर है बदनुमा दाग वजह सम्मलित परिवार की रोज़ है घटती गिनती
कभी हम नहीं सोचते उनके कष्ट ,तकलीफ जो उठाए थे हमारे सुख वास्ते उन्होने
एक झटके से बाहर निकाल दिया उनको ज़िंदगी से अपनी ,घर से उनके अपनों ने
दो घड़ी भी बैठकर उनका सुख -दुख क्या कभी सांझा किया था कभी हमने ?
दो वक़्त की रोटी,एक कमरा देकर इतिश्री कर ली थी अपनी जिम्मेदारियो की सदेव हमने
कभी दो घड़ी का समय था क्या हमारे पास ? उनके साथ बैठकर हंसने ,कहकहे लगाने का
गिरती सेहत ,मानसिक दशा ,की तरफ तो कभी तवज्जो ही ना थी हमारी, वक़्त ना था सोचने का
जिन बुजुर्गों ने पूरी ज़िंदगी झोंक दी, हमको इस मुकाम तक पहुंचाने में ,उनका हर पल हमारा था
हमसे शुरू होकर उनकी दुनियाँ हमारे इर्द -गिर्द थी, पर हमको अब उनका साथ ना गवारा था
एक पल ना सोचते हम कि क्या संस्कार दे रहे अपने बुजुर्गों को भेज कर वृद्धाश्रम
जो बोएँग-वही काटेंगे श्रष्टि का यही नियम है बच्चे समय से पहले ही भेज देंगे

गुरुवार, 14 जुलाई 2022

 

सावन की बदरी ने भी शुरू कर दिया है पक्षपात
जिधर नहीं है जरूरत बरस रही बेलगाम ,कर रही बेहाल
घनघोर गर्जन ,तड़कती बिजली कर रही अद्भुत प्रहार
जन -जीवन बेहाल ,बाड़ का प्रकोप सर्वत्र जीवन बदहाल
कंही है भयंकर सूखा ,ना है कहीं बारिश की बूंद का भी हाल
त्राहि -त्राहि छाई सर्वत्र पशु -पक्षी भी व्याकुल सभी हुए बदहाल
हे इन्द्र देव कर दो हम पर भी कृपा -दृष्टि ,सब हैं बेहाल
कुछ जल बरसा कर ,ताप से मुक्ति दो ,सबका जीवन हुआ बदहाल
रोशी --
May be a cartoon of child and text

1

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...