बेमौसमी बरसात ने हैं धो दिए सारे गरीब किसान के सपने
गेंहू जो पड़ा था अधकटा खेतों में ,बारिश ने ख़त्म कर दिए मिनटों में
अधपके खरबूजे,तरबूज सड गए,सब्जी ,फल सब बर्बाद हो गई पानी में
जिस फसल को देख जीता है हमारा किसान बर्बाद हो गया इस पानी में
पल भर में सारे ख्वाब ,मनसूबे बेटी का व्याह ,घर ,परिवार सब बह गया पानी में
मेघ ना बरसे तो मुश्किल में है जीता किसान ,रोता है जब ज्यादा बरसता है पानी
पूरे बरस का हिसाब किसान का टिका होता फसल पर ,जो बहा ले गया पानी
सोच ना सके कोई की कितना निभाता अहम् रोल किसान की जिन्दगी में है पानी
रोशी