शुक्रवार, 9 दिसंबर 2022

 शादियों का माहौल ,करता है नव -उर्जा का संचार

किसी उत्सव से कम ना होता है ,लगता है कोई त्यौहार
मेहमानों की गहमा -गहमी ,,नौजवानों का जोश बड़ा देता है रक्तसंचार
बेहतरीन ,सुस्वाद व्यंजन सुवासित कर देते हैं सारी फ़िज़ा को हर बार
सिल्क की साड़ियो,उम्दा सूटों में सजे घराती-बाराती बना देते माहौल रंगीन
परफ्यूम की खुशबू,फूलों की महक बिखरा देती है फिजां में उम्दा किस्म की महक
रिश्तेदारों से अरसे बाद होती मुलाकात भर देती जीवन में उत्साह ,भरपूर चहक
ठहरी जिन्दगी ,अनमने रिश्ते आ जाते हैं करीब ,अजब सी आ जाती है ताजगी
ढर्रे पर फिर चल पड़ती है सबकी जिन्दगी दिल आ जाते हैं सभी के करीब
येही तो ख़ूबसूरती है हमारी परम्पराओं ,रीत-रिवाजों की सबको खींच लाते करीब
--रोशी
May be an image of one or more people, people standing and indoor
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