शनिवार, 21 जनवरी 2023

 ख़ुशी का पैमाना सबका अलग होता है ,बहुतेरे रंग हैं इसके

जिन्दगी की छोटी -छोटी खुशियाँ भी भिगो जाती हैं तन मन सबके
कर देती हैं आत्मा तृप्त ,नाच उठता है सम्पूर्ण मन जन -जन के
कदापि नहीं होता रोमांच अक्सर बड़ी -बड़ी खुशियों से भी तनिक सा
हम खुद तय करते हैं इसके पैमाने ,खुद ही होते हैं जिम्मेदार हमेशा
गर रहना है हमेशा प्रसन्न और मस्त तो ख्वाहिशों और सपनों को छोटा रखो
जितना आकाश लाँघ सको उतने पंख पसारो,उम्मीदें अपनों से सदेव कम रखो
ख़ुशी के हैं यह नुस्खे बड़े काम के ,बुजुगों ने भी ये ही नुस्खे थे सदेव आजमाए
जितनी हो चादर उतने ही पाँव फैलाओ बचपन से यह ही थे सदा सुनते आये
--रोशी

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...