बुधवार, 29 मार्च 2023

 खुल कर जियो ,उम्र को परे झटक दो ज़माने के साथ चलो

जितना स्वास्थ्य साथ दे उसी के मुताबिक खुद को ढालो
जितनी जिन्दगी बची है ,खुबसूरत लम्हों को भीतर समेट लो
यह अनमोल पल ना आएंगे वापिस यह जुमला दिल में उतार लो
बच्चे,परिवार ,दोस्त होते हैं सदेव जिन्दगी में खुशनुमा यादों के साथ
जिन्दगी के कैनवास में बेहतरीन यादों का ज़खीरा होता है उनके साथ
जिन्दगी का हर दिन नया तजुर्बा ,खट्टी -मीठी यादें सबको है देता
ख़ुशी-गम में तारतम्य बिठाना ,इतना नहीं आसान सबके लिए होता
जिन्दगी की आपाधापी में अपने ख्वाब ,शौक जो समेट दिए थे बक्से में
खोल कर उनको अब पूरे कर सकते हैं यह जज्बा रखिए दिल में
; उम्र ना रही कुछ नया करने की ;इस जुमले को जुबान पर ना लाना जिन्दगी में
कर गुजरने की गर हो हिम्मत हर उम्र में दुनिया की खुशियाँ कर सकते हैं मुट्ठी में
रोशी
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सोमवार, 27 मार्च 2023

 अष्टमी ,नवमी को कन्याओं के प्रति जो भावना ,विचार मन में हैं उपजते

कोशिश रहती है कि जितना बन सके हमसे कन्या पूजन करें ,हम खुश होते
समुचित आदर ,भोजन ,पूजन करवा संतुष्ट कन्याओं को हम दिल से करते
गर यह ही सम्मान दैनिक जीवन में कर उनका हम मान सम्मान करते
भ्रूण हत्या ना कर उनको भी जीने का पूरा हक इज्ज़त से हम उनको हैं देते
गर्भ में ही मार दोगे तो किसको पूजने जाओगे जरा इसको भी कदापि सोचते
घर -आँगन की शान होती हैं बेटियां ,आगे संतति इनसे ही हम सब हैं पाते
सिर्फ दो बार पूजकर ना अपने कर्तव्यों से मुख मोड़ो ,जीवन में बेटी भी है जरूरी
रौनक जीवन की उससे ,उत्सव ,त्योहारों की छठा है उसके बिना जीवन में अधूरी
रोशी

रविवार, 26 मार्च 2023

 पश्चिमी सभ्यता का अनुसरण अंधाधुन्द किये जा रहे हैं

अपने संस्कार ,परम्पराएं ,आदर्शों को तिलांजलि दिए जा रहे हैं
बेअदबी,भोंडा फैशन ,और परिवार का तिरस्कार किये जा रहे हैं
बच्चों को सिर्फआधुनिकता का जामा पहनाकर खुद को खुश किये जा रहे हैं
बेटियों को नामाकूल दौर में दौड़ने की जगह ,संस्कारों को रोपना भूलते जा रहे हैं
बेटों को उनकी हद ना समझाकर निर्द्वंद ,उद्दंड संस्कारहीन बनाते जा रहे हैं
चाँद पर पाँव रखना अकल्पनीय है,पर हम धरती पर पाँव टिकाना भूलते जा रहे हैं
जड़ों से जुड़ना हर समाज के लिए होता बेहतरीन ,जिसको हम भूलते जा रहे हैं
तरक्की,विकास होता जीवन में आवश्यक ,उसकी हम बड़ी कीमत चुका रहे हैं
कल्पना से था परे विदेशों में खुलते ओल्ड ऐज होम की परिकल्पना हिंदुस्तान में
प्रतिस्पर्धा में हम उनसे कंही आगे निकल रोज नया वृद्ध आश्रम खोलते जा रहे हैं
खुद को समेट लिया संकुचित दायरे में ,बच्चे परिवार से कोसों दूर होते जा रहे हैं
रोशी

शनिवार, 25 मार्च 2023

 कब किस,मोड़ पर जिन्दगी ले बैठे खुशनुमा मोड़ नहीं होता पता

ऊपरवाला कब कर देगा रहमतों की बरसात खुद को नहीं पता
जिन्दगी की राह में बिखरे पत्थर कब बन जाते फूल नहीं होता पता
रास्ते आसां नहीं होते किसी के भी शूलों पर खुद ही गुजरना होता है
तजुर्बे जो मिलते है बेशकीमती नाकामी से उनको संजोना होता बहुत जरूरी
आगामी नस्लों के लिए होता है बेहतरीन तोहफा हिफाज़त होती जिसकी जरूरी
गहन तमस से गुजरकर ही रोशनी का आनंद ,सुख किया जा सकता महसूस
ज्यों प्यासे को दूर मरुस्थल में जल की एक बूँद ही होती काफी बुझाने को प्यास
रोशी
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शुक्रवार, 17 मार्च 2023

 चेहरे का मजबून बिन बयां करे पड़ ले उसको दोस्त कहते हैं

आवाज़ से दर्दे दिल जान जाए उसको दोस्त कहते हैं
आँख के इशारे से दिल और-दिमाग पड़ जाए उसको दोस्त कहते हैं
जीवन के बुरे दौर में जो बेख़ौफ़ साथ खड़ा हो उसको दोस्त कहते हैं
निष्पक्ष आपको गलत राह पर कदम बढाने से रोक दे उसको दोस्त कहते हैं
जो मज़बूत दीवार की मानिद आपकी पीठ पीछे खड़ा रहे उसको दोस्त कहते हैं
अनैतिक कार्य में साथ ना देकर, उसको दुरुस्त करे उसको दोस्त कहते हैं
दिल से हो जिसको जुड़ाव,स्नेह ,प्रेम बस उसको ही दोस्त सच्चा कहते हैं
रोशी

गुरुवार, 16 मार्च 2023

 जिन्दगी के कुछ दस्तूर बड़े अजीब होते सबके लिए जरूरी हैं

चेहरे पर मुस्कराहट,बेमतलब हंसी दिखाना हर वक़्त जरूरी है
अपनी व्यथा ,बैचैनी दिल में ही दफ़न करना ,रखना जरूरी है
बात मुंह से निकली नहीं कि उसका फिजां में फैलना जरूरी है
खुद सोचो समाधान अपनी दुश्वारियों का,होता उसका हल बहुत जरूरी है
जिनकी खुद की जिन्दगी गहरे तक उलझनों में है पूरी की पूरी डूबी
उनका बेमकसद हर वक़्त बिन मांगी सलाह देना होता बहुत जरूरी है
बेशकीमती मशवरे और बना देते दोजख जिन्दगी, गर ख्याल ना किया उनका
ऐसे बेमुरव्वत ,ओछी सोच वाले दोस्तों से सौ गज की दूरी होती बहुत जरूरी है
रोशी
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रविवार, 5 मार्च 2023

 फागुन मास की कुछ बात ही है अपने में खास

फिजा में चहुँ और बिखरा होता है हास -परिहास
छोटे -बड़े ,अमीर -गरीब सब ही पर चडता होली का खुमार
प्यार,मोहब्बत के रंग चढ़ जाते स्वंयं खुद ही सब रंगने को तैयार
सपने-ख्वाब होते अलग सबके, रहती सबकी जुगत अपनी -अपनी
प्रेम के रंग में रंगने को बैठे सभी तैयार ,करके तैयारी अपनी- अपनी
नर नारी ,बालक ,वृद्ध रह ना पाता कोई, अछुता रंग और गुलाल से दूर
ले आता यह त्यौहार उनको भी करीब जो हो गए है बरसों से अपनों से दूर
होली के त्यौहार की यह अद्भुत खासियत जो बनाती है इसको सबसे खास
भिगो देती है तन मन को प्यार के पावन रंग में आत्मा में होता पवित्र एहसास
रोमांच ,प्यार ,मोहब्बत का होता अद्भुत समावेश इस पावन त्यौहार में
बचा ना कोई इसकी गिरफ्त से ,गीत ,गुलाल भांग का होता समावेश इस त्यौहार में
रोशी
परिवार और मित्रों को होली की हार्दिक
बधाई
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  खुल कर जियो ,उम्र को परे झटक दो ज़माने के साथ चलो जितना स्वास्थ्य साथ दे उसी के मुताबिक खुद को ढालो जितनी जिन्दगी बची है ,खुबसूरत लम्हों क...