गुरुवार, 18 दिसंबर 2025

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
--------------------------------

मां दुर्गा का घर आँगन में पदार्पण ,भर देता है दैविक उर्जा अपार
भक्तिमय बन जाता है बातावरण ,शुरू हो जाते हैं त्यौहार
धूप -कपूर ,हवन सामग्री ,देसी घी की अदुतीय खुशबू फ़ैल जाती चहुँ ओर
लाल चुनरी में सज गयी मां, रूप की महिमा कही ना जाए जो है अपरम्पार
मिटटी के सकोरे में छिटके जौ के दाने बिखराते अनुपम छठा पनपकर हर बार
मां के सज गए भव्य दरबार ,गली मोहल्ले गूंजते मां के जयकारों के स्वर
श्रधा ,भक्ति में सरोबार नर नारी नवरात्री से करते त्योहारों की शुरुआत हर बार      --रोशी



 

कोई टिप्पणी नहीं:

  जिन्दगी बहुत बेशकीमती है ,उसका भरपूर लुफ्त उठाओ कल का पता नहीं तो आज ही क्योँ ना भरपूर दिल से जी लो जिन्दगी एक जुआ बन कर रह गयी है हर दिन ...