शनिवार, 28 जनवरी 2023

 गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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हमारे वीर सैनिक जो डटे हैं दिन-रात सीमा पर सबकी सुरक्षा के वास्ते
अपनी जान पर खेल उनकी आँख लगी है दुश्मन की चौकी पर हमारे वास्ते
बर्फ ,शीत लहर जो ना डिगा सकी उनका जूनून देश की सेवा का हमारे वास्ते
निर्जन ,सूनसान रेतीले मरुस्थल भी ना रौंद सके उनके बुलंद इरादे हमारे वास्ते
बीहड़ों में जानलेवा आंधियां भी कुछ डिगा ना सकीं उनके इरादे जो थे हमारे वास्ते
विशालकाए समुद्र के तूफ़ान ना पलट सके जिनके देश प्रेम का जूनून हमारे वास्ते
सेना में भर्ती होते वक़्त ही सुलग जाती है आग जांबाजों के भीतर इस देश के वास्ते
इसी जूनून को समेटे रहते हैं सदेव जब होते हैं बॉर्डर पर हमारी रक्षा के वास्ते
रोशी
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Anuradha Sharma and Sarita Aggarwal

 कश्मीर की व्यथा

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क्यों आप सबने मुझको अपने वजूद से जुदा कर दिया ?
हिस्सा था में आपका क्यों कर मुझको तनहा कर दिया ?
कभी होते थे मेरे शिकारे भी सैलानियों से गुलज़ार
मेरी घाटी रहती थी सालों -साल टूरिस्टों से आबाद
केसर की लाजबाब खुशबू ,फूलों की वादियाँ थीं पहचान मेरी
चिनार के दरख़्त आज भी ख़ामोशी से राह तकते हैं तेरी
कहवा के प्याले ,रोगनजोश की खुशबू तैरती है आज भी फिजां में मेरी
आतंकवाद,बम ,गोलियां ही बस अब सिर्फ़ रह गई है पहचान मेरी
गुजारिश है आवाम से मिल-जुल कर दो आवाज़ बुलंद मेरे हक की
टूट जाएँ हौसले चीन और पाकिस्तान के जब वो सुने आवाज़ पूरे हिन्द की
रोशी
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Manju Maninder Bakshi, Sujata Agarwal and 9 others

 कैसे मां समझ लेती है नवजात के दिल का हाल ,जो समझ से परे है सबके

बालक से बातें करती है ,अपनी बातें नवागत के दिल तक पहुंचाती है हक से
बच्चे की पीड़ा ,ख़ुशी आँखों में झट पड लेती है ,क्या -क्या जादू वो जानती है
गृहस्थी की गुत्थियों को सुलझाना बाएँ हाथ का खेल है,जो बाखूबी वो जानती है
ईश्वर ने बनाया मां को पूरी तवज्जो के साथ कायनात की खूबियाँ दे डालीं उसको
,मेहनती ,नेक,कामयाब इंसान बनाने की क़ाबलियत भी ईश्वर ने है बख्शी उसको
हालात चाहे जैसे हों मां के,अपना सब कुछ औलाद पर वारने को रहती सदा तैयार
एक बार मां से बात कर हम कर लेते हैं अपने कर्तव्यों की इतिश्री हर बार
कभी तीज -त्यौहार पर जाकर पूछ लेते हैं हाल-चाल साल में एक आध बार
मां के लिए वो दिन ही बन जाता त्यौहार जब उसकी औलाद आती उसके घर द्वार
बच्चे दो -चार फरमाइश ही पूरी ना होने पर माँ को देते हैं झट से त्याग
मां ही वो शख्सियत है जो कर देती है सौ गुनाह भी औलाद के दिल से माफ़
रोशी

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...