सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

 जीवन जीने की विधा इसकी कला ना समझ पाया हर कोई

बड़े -बड़े ऋषि भी ना पा सके इस कला की कभी गहराई
राजा द्रुपद ने किया यज्ञ लेने को अपमान का बदला
पुत्री द्रोप्दी ने तो था सारा इतिहास ही था बदला
सम्पूर्ण महाभारत ही बना कारण द्रोपड़ी के सिर्फ एक व्यंग का
क्यो हम ऐसे अपशब्द अनजाने ही कर जाते है इस्तेमाल
जो हृदय विदीर्ण कर जाते हैं ,आत्मा को कर जाते हैं घायल
बस एक लम्हा ही काफी होता है जिव्हा को सुमधुर वचन को
क्रोध के आवेग को सम्हालने में तो ऋषि -मुनि भी थे असमर्थ
जो इसमें हुए सक्षम वो इतिहास में कर गए अपना नाम दर्ज़
हो जाती है सबसे गलती ,बस जरूरत है स्वप्रयास की ,कोशिश में है ना कोई हर्ज़
रोशी

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...