शनिवार, 2 अप्रैल 2022

 चैत्र नवरात्री की ढेर सी

बधाई
हर घर में है देवी की स्थापना करवाई
घंटे -घड़ियाल का शंख -नाद है गूँजा
हवन -पूजा से माहौल सुगंध से महका
धूप -कपूर से सुवासित हुये आँगन -चौबारे
पुष्पों से महके घर ,मंदिर ,सारे के सारे
सम्पूर्ण धरा पर माँ रहे रहमत तेरी
सुख -शांति की करना कृपा माँ मेरी
रोशी --

  जिन्दगी बहुत बेशकीमती है ,उसका भरपूर लुफ्त उठाओ कल का पता नहीं तो आज ही क्योँ ना भरपूर दिल से जी लो जिन्दगी एक जुआ बन कर रह गयी है हर दिन ...