शनिवार, 24 सितंबर 2022

 देखी क्या किसी की फितरत बदलते हुए,क्या बदल सका है कोई ?

कभी नहीं ,जो होती बचपन में ना बदल सका उसको ताउम्र कोई
जो मिजाज ,प्रवृति ,होती जन्मजात रहती उम्र भर साथ इंसा के
दुर्योधन रहा सदेव सज्जनों के साथ पर असर ना हुआ स्वभाव पर उसके
पूरी ज़िंदगी पैंतरों में जाती गुजर पर कामयाबी न लगती किसी के हाथ
सरल ,नम्र और मिजाज बदल कर देखो शायद तबदीली हो आपके साथ
कुछ दृष्टांत हैं इतिहास में कि हुआ आत्मा का काया -कल्प सम्पूर्ण
कौआ भी बन गया हंस और बदल गयी उसकी आत्मा सम्पूर्ण
--रोशी
Like
Comment
Share

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...