रविवार, 23 जनवरी 2011

Roshi: सावन की यादें

Roshi: सावन की यादें: "प्यारी बिटिया ............. सावन की बदरी में झूलो की डोरी में तुम याद बहुत आओगी बारिश की फुह..."

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  हम स्वतंत्रता दिवस पूरे जोशो खरोश से मना रहे हैं बेशक हम अंग्रेजों की गुलामी से तो आजाद हो गए हैं धर्म ,जाति की जंजीरों में हम बुरी तरह जक...