आया था करवा चौथ का त्यौहार
पिछले कई महीनो से मारपीट, चल रही थी उसके पति से लगातार
चार दिन पहले ही थाना-कचहरी की हुई थी दरकार
न आने का कारन पूछा तो बोली, जाना था कोतवाली रोज लगातार
जुल्मी, शराबी को मैंने करवा दिया है बंद अब न आयेगा वो बाहर
पर उस रोज सब भूल गई उसके जुल्म, सितम और अत्याचार
पूरा स्साज श्रंगार, पीछे तक भरी मांग भरा पूरा था श्रंगार
कितना मासूम और कोमल बनाया है विधाता ने नारी का दिल और दिमाग
झट से भूल जाती हैं सभी अत्याचार और पति का हिंसक व्यव्हार
यही तो है हमारी भारतीय परंपरा, मान्यता और हमारे अदभुत संस्कार...
20 टिप्पणियां:
रोज़ की कहानी भूल कर पुनः प्यार ढूढ़ने का प्रयास होने लगता है।
बहुत बढ़िया पोस्ट!
यही तो है हमारी भारतीय परंपरा, मान्यता और हमारे अदभुत संस्कार...
kARVA CHOTH KA YAH KALA SACH HAI.... kYA KABHI PATIYO KE LIYE KOYI UPVAS HOGA JO APANI SAHCHARI KE PRATI NISTHA -SAMARPAN DIKHA SAKE
यथार्थ का बिलकुल सही चित्रण किया है आपने अपनी रचना में ! भारतीय नारी पूरे साल जिस पति का अत्याचार सहती है, उस पर क्रोधित भी होती है, कभी-कभी तो उससे नफ़रत भी करती है करवा चौथ के दिन उसी पति की दीर्घायु और खुशियों के लिये मंगलकामना भी करती है और साथ ही यह भी प्रार्थना करती है कि यही पति उसे अगले सात जन्मों तक मिले ! वाकई यही भारतीय संस्कार हैं ! सुन्दर रचना !
पुनः प्यार ढूढ़ने का प्रयास ...:)
अच्छा लिखा है।
आपको शक्रिया बताने ले लिये ऐसी दमदार बाते लिखने के लिये,
आपको शक्रिया बताने ले लिये ऐसी दमदार बाते लिखने के लिये,
अच्छी प्रस्तुति !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है,कृपया अपने महत्त्वपूर्ण विचारों से अवगत कराएँ ।
http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.html
यही तो है हमारी भारतीय परंपरा, मान्यता और हमारे अदभुत संस्कार... सुन्दर प्रस्तुति...
झट से भूल जाती हैं सभी अत्याचार और पति का हिंसक व्यवहार .....
और जब इस कोमल मन को पति उसकी कमजोरी समझ फिर अत्याचार करने से पीछे नहीं हटता तो बार बार मन में एक प्रश्न उपस्थित होता है ....
.... यथार्थ के सुन्दर चित्रण ...
sase pahle aapka bahut-bahut shukriya ki aapn mere blog par aayin thanks:-)
duara aurt ke svabhav ko ubhaarti bahut hee sundar abhivyakti shubhkaamanyen kripyaa yun hee samaprk bannaye rakhen ....
बहुत बढ़िया लिखा है.
प्यार तो जरूरी है और प्यार का अहसास कराना भी उतना जरूरी है सुंदर प्रस्तुति.
बहुत अच्छी प्रस्तुति ...
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति...भारतीय नारी की यही तो अलग पहचान है...
बहुत रोचक और सुंदर प्रस्तुति.। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
अच्छी प्रस्तुति ...!!
mom u have written it in such a way that we could imagine n relate to it
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