शुक्रवार, 11 मार्च 2022

 जो करना चाहो ,फौरन करो ,सोचो मत खुद के लिए भी वक़्त निकालो

जीवन है इतना मुश्किल ,खुद के लिए भी जी लो ,जो ना कर सके कर लो
सारी उम्र निकाल दी दूसरों के लिए ,अब अपनी खुशी भी ढूंढो
जिस में दिल खुश हो वही करो ,महसूस करो उस खूबसूरत पल को
क्या मालूम ज़िंदगी ना मिलेगी दोबारा ,तो आज से ही शुरुआत करो
इच्छछाओं को मारने में नहीं अब तो पूरा करने में खुद पर यकीन करो
कब तक जियोगे दूसरों को खुश करने में अब अपने लिए भी जी लो
सारी ज़िंदगी लगाकर सबको खुश नहीं कर सकते ,क्यौ ना अपनी खुशी ढूंढ लो
लोगों का क्या है ?उनके तंजों की परवाह छोड़ो अब अपने जी की भी कुछ करो
जीने का नज़रिया बदलेगा ,दिलो -दिमाग खुशिओं से लबरेज होगा ,शुरुआत तो करो
खुद को सुकून ,खुशी इतनी मिलेगी कि सारा जीवन महक उठेगा, नई खुशियो को समेट के देखो,
रोशी --
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2 टिप्‍पणियां:

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 15 मार्च 2022 को साझा की गयी है....
पाँच लिंकों का आनन्द पर
आप भी आइएगा....धन्यवाद!

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत बहुत सुन्दर

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...