गुरुवार, 26 मई 2011

दुःख देती तकलीफे

बहुत दुःख होता है अपनों को देखना तकलीफ में 
पर सोचने से किया होता है 
जब भी आती है बच्चो को तकलीफ 
तड़प उठता है मन होती है बहुत टीस
पर अपने- अपने हिस्से की तकलीफ तो उठानी होती है सबको 
बरना तो माँ उठा लेती है अपने कन्धो पर दुःख का सारा बोझ 
और तिनका भर भी दुःख ना आने देती पास वो बच्चो के 
उसकी दुनिया तो घुमती है उसके नैनिहालो के पास 
पर बालको का तड़पना कर देता है व्यथित उसको 
देखकर उसकी तकलीफ होती हूँ हर- पल परेश: ....

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