रविवार, 14 अगस्त 2022

 आज़ादी के पचतर सालों का लंबा सफर असां ना था हमारे लिए

बहुत सी कुर्बानियाँ दीं ,गहरे ज़ख़म खाए शहीदों ने हमारे लिए
देश बिभाजन का विषद दंश झेला ,घर ,बच्चे ,परिवार सब कुछ खोया
विस्थापन का दर्द झेला, पुनः ज़िंदगी को पटरी पर चलाया ,अपना दर्द भुलाया
आज उन्नतशील देशों की कतार में विश्वपटल पर भारत का नाम लिखवाया
सुंदर पिचाई ,पराग अग्रवाल, ऋषि सुनक ,जैसे धुरंधरों से सम्पूर्ण विश्व है थर्राया
हिंदुस्तानी दिमाग ,खूबसूरती ,कला का माना है आज संसार में सबने लोहा
न टिका है कोई इनके सन्मुख ,ना आज तक कोई मुक़ाबला कर पाया है
हमारे जवान जब पहन बरदी जाते है सरहद पर ,भूल जाते हैं अपना घर- संसार
देश की रक्षा का होता उनको जुनून गोली सीने पर खाई बस बचाने को हमारा परिवार
हमारा धर्म ,संस्कार ,आचार -व्यवहार और संस्कृति को अपना रहे और देश हैं
प्रत्यक्ष में तो कुछ नहीं बोल पा रहे पर दिल से करते हमारे देश को सलाम हैं
सफर पिछत्तर साल का यों आसा ना था ,बहुत चोट खाकर ,देश भट्टी में तपा था
पर आज हम विकसित देशों की कतार में आ पहुंचे ,इसके पीछे भी बहुत दर्द छुपा था
रोशी --
May be an image of one or more people and text that says 'Azadi Ka Amrit Mahotsav'
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