मेरे अपने ,प्यारे दोस्तों के लिए कुछ उद्गार
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दुनिया का हर रिश्ता खुदा ने बड़ी मोहब्बत से है बनाया
हर रिश्ते में एहसास ,प्यार जज़्बात सब उसने कूट -कूट कर है सँजोया
पर हम जन्मते ही एक प्यारा खूबसूरत रिश्ता खुद बना बैठते हैं
अपने दोस्त हम खुद बा-खुद बचपन में ही बना बैठते हैं
ना होता कोई खून का रिश्ता उनसे ,ना पुरानी पीड़ियों की रिश्तेदारी
ना उनसे परिचय कराते हमारे माँ -बाप ,ना ही कोई होती उनकी हिस्सेदारी
अपना दोस्त बनाना होता है सिर्फ हमारा निर्णय ,जिसमे होती दोनों की भागीदारी
हमारी खुशी,तकलीफ ,सुख -दुख का होता उसको पूरा भान और उसका एहसास
गर रहे ना इतने जज़्बात आपस में तो यह रिश्ता तब्दील हो जाता बकवास
जब तक कोई समझें हमारे दोस्तों पर हर समस्या का हल चुटकी में निकल आता
होती है शायद दोस्तों के पास कुछ जादूई शक्तियाँ ,जो दिल में छुपाना चाहो झट बाहर निकल आता
इस रिश्ते को बनाने में कायनात भी हो गयी फ़ेल ,जो अद्भुत रिश्ता इंसान ने है बनाया
love u all my dear friends....
रोशी --
2 टिप्पणियां:
जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (०८-०८ -२०२२ ) को 'इतना सितम अच्छा नहीं अपने सरूर पे'( चर्चा अंक -४५१५) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बरुत सुन्दर भाव
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