यह सब ना देखा था ना सीखा था कभी हमने
पर क्या करे इस दुनिया की रबायत को
जहाँ उसकी इज्ज़त होती है सबसे ज्यादा
जो इंसा जितना ज्यादा झूठा मक्कार और फरेवी
मीठी बातें,चाटुकारी,में भी है जो जितना ज्यादा माहिर
कुछ वक्त के लिए ही सही पर समाज में बढती ही है प्रतिष्ठा उसकी
पर कलई भी जब उतरती है तो समाज भी दिखाता जाता है
रास्ता उसको .....
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