शनिवार, 4 जनवरी 2025



उम्र बढने के साथ रिटायर कर देते हैं हम अपने बुजुर्गों को
भजन ,सत्संग तक सीमित कर देते हैं उनके बाकी जीवन को
जरुरत पड़ने पर जब चाहे उनका इस्तेमाल कर लेते हैं बाखूबी
घूमना -फिरना ,सजना संवरना चाहते तो वो भी होंगे अभी तक
बचपन की गलियों से गुजरना चाहते जरूर होंगे वो भी आज तक
अरमान ,ख्वाहिशें,सपने बाकी तो रहते हैं सभी उम्र बढने के साथ
क्योँ दुनिया वक़्त से पहले बूडा ,अशक्त समझ लेती है ६० के बाद
उम्र ,तजुर्बों का भंडार होता इनके पास उम्र बढने के साथ ६० के बाद
--रोशी

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