त्योहारों का आगाज़ हो गया है ,फिजां खुशनुमा हो गई है
गणपति,दुर्गा की स्थापना,विसर्जन चहुँ ओर उत्सवों की बेला आ गई है
रावण के दमन का प्रतीक दशहरा त्यौहार से पंडाल खुबसूरत सजे हुए हैं
ढोल -नगाड़े ,मेले अनुपम छठा बिखेर रहे हैं ,बच्चों के हाथ खिलोनों से भरे हैं
घर चौबारे की सफाई ,रंगाई-पुताई में दिखते अमीर- गरीब सभी व्यस्त हैं
हैसियत अनुसार त्योहारों का उत्साह, खुमार छाया सभी पर समान है
--रोशी
रावण के दमन का प्रतीक दशहरा त्यौहार से पंडाल खुबसूरत सजे हुए हैं
ढोल -नगाड़े ,मेले अनुपम छठा बिखेर रहे हैं ,बच्चों के हाथ खिलोनों से भरे हैं
घर चौबारे की सफाई ,रंगाई-पुताई में दिखते अमीर- गरीब सभी व्यस्त हैं
हैसियत अनुसार त्योहारों का उत्साह, खुमार छाया सभी पर समान है
--रोशी
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