कब कौन सा मोड़ जिन्दगी में आ जाया अप्रत्याशित पता ना होता
पिछले जन्म के पाप -पुण्य का हमको कोई लेखा- जोखा पता ना होता
बहुत ना सही ,गर दिलों में रह गए कुछ अपनों के तो समझो जीवन सफल किया
यूँ तो जुदा हो जाते हमसे बहुतेरे ,शुक्र है रब का कुछ ने ही गर तुमको याद किया
ताक़त ,दौलत ना काम आयेगी ,बस इंसानियत का सबब गर तुमने पड़ लिया
दिलों में बरसों तक रह जाओगे गर इंसान में ईश्वर के स्वरुप को पहचान लिया
उदाहरण---रतन टाटा
बहुत ना सही ,गर दिलों में रह गए कुछ अपनों के तो समझो जीवन सफल किया
यूँ तो जुदा हो जाते हमसे बहुतेरे ,शुक्र है रब का कुछ ने ही गर तुमको याद किया
ताक़त ,दौलत ना काम आयेगी ,बस इंसानियत का सबब गर तुमने पड़ लिया
दिलों में बरसों तक रह जाओगे गर इंसान में ईश्वर के स्वरुप को पहचान लिया
उदाहरण---रतन टाटा
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