जितना चाहे देखना दिल जल्दी ,उतनी मुश्किलात से नज़र आता है
टकटकी बांधें इंतज़ार में सुहागिनें बस देख रहीं आसमां को हजारों बार
नखरे दिखाना लाज़मी है चाँद का,शिद्दत से आज सभी को करना है उसका दीदार
शर्मा कर छुपे बदली में,कभी आसमां में गुम हो जाए ,लुका -छुपी रहे बरक़रार
शिद्दत से जब चाहो जिसको ,नखरे तो उठाने ही पड़ते हैं उसके बारम्बार
--रोशी
टकटकी बांधें इंतज़ार में सुहागिनें बस देख रहीं आसमां को हजारों बार
नखरे दिखाना लाज़मी है चाँद का,शिद्दत से आज सभी को करना है उसका दीदार
शर्मा कर छुपे बदली में,कभी आसमां में गुम हो जाए ,लुका -छुपी रहे बरक़रार
शिद्दत से जब चाहो जिसको ,नखरे तो उठाने ही पड़ते हैं उसके बारम्बार
--रोशी
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