पूरे तीन सौ पेंसठ दिन हम सब करते हैं बेसब्री से इंतज़ार
बिगत वर्ष में हमने क्या पाया ,जिन्दगी में कौन हमारी है आया
क्या -क्या गंवाया ?किसका वजूद हमने अपनी जिन्दगी से हटाया
पूरे वर्ष का लेखा -जोखा समझना है बहुत जरुरी भविष्य के लिए
पुरानी गलतियाँ ,तकलीफें ना दोहराएँ अब अपने सुनहरे भविष्य के लिए
हमारा अतीत ही है बेहतरीन शिक्षक हमारे आने वाले कल के लिए
जिन्दगी का पता नहीं जी लो इसको अपनी खुशियों के साथ
जो ख्वाब ,अधूरे बचे है बाकी ठान लो पूरा करने की नव बर्ष के साथ
--रोशी
बिगत वर्ष में हमने क्या पाया ,जिन्दगी में कौन हमारी है आया
क्या -क्या गंवाया ?किसका वजूद हमने अपनी जिन्दगी से हटाया
पूरे वर्ष का लेखा -जोखा समझना है बहुत जरुरी भविष्य के लिए
पुरानी गलतियाँ ,तकलीफें ना दोहराएँ अब अपने सुनहरे भविष्य के लिए
हमारा अतीत ही है बेहतरीन शिक्षक हमारे आने वाले कल के लिए
जिन्दगी का पता नहीं जी लो इसको अपनी खुशियों के साथ
जो ख्वाब ,अधूरे बचे है बाकी ठान लो पूरा करने की नव बर्ष के साथ
--रोशी
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