करें ना हम खुद से क्यूँ ना एक पक्का वायदा
जो चाहतें, उम्मीदें ,वायदे और भूलें थे अपने सपने...
अब उनको कर गुजरेंगे ,संजो लेंगे, बना लेंगे अपने ...
जो अपनी पहचान, बजूद, अस्तित्व बैठे थे हम भूले ....
अब यही हो हमारा मकसद सबको कर लें हम सब पूरे ...
कामयाबी मिले आपको, साथ में बहिन घर परिवार को न बिसराना
ठान लें , सोंच लें, तो कोई भी न रोक सके आपके कदम....
बहनों इस ब्लॉग की तरफ से नव वर्ष में यही था आपको बताना...