बुधवार, 25 जुलाई 2012

आइना

कितने झूठ ,कितने फरेब  कोई कब तक कर सकता है ?
शायद उम्र भर ......और अब उसको भी लगने लगा है 
की शायद वो है ही गुनेह्गर इन सब हालातों की वो है 
मुजरिम ,या शायद वक़्त खेल रहा है कोई खेल उसके साथ 
पर जब कोई बात बार -बार दोहराइ जाती है लगातार 
तब पत्थर पर भी पड़ जाती है दरार ,.........
स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह तो दिखा ही देती है यह दुनिया 
जब राम को दिखाया दुनिया ने आइना सीता के दुश्चरित का 
तो वो भी ना देख पाए सीता के सतीत्व को ,उसके प्रताप को 
कुब तक ? आखिर कब तक चलता रहेगा यह अत्याचार ?????????

























































































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