रविवार, 23 जनवरी 2011
Roshi: नव शिशु आगमन 1
Roshi: नव शिशु आगमन 1: "नवागत के आगमन से मन है प्रफुल्लित, उत्साहित निरंतर हूँ करती एहसास उस कोमल स्पंदन का नर्म है हथेली कोमल तलवा, निरंतर है जो सहलाता हर घडी..."
Roshi: नव शिशु आगमन 2
Roshi: नव शिशु आगमन 2: "मन बेचैन है, परेशांन है, आकुल है हैरान है नवागत के आगमन पर उमंगें है उल्लास है साथ ही मन मैं है भय उस दर्द का नव जीवन के आगमन पर होने ..."
Roshi: नन्हे महमान
Roshi: नन्हे महमान: "ओ नन्हे मेहमान, तेरे वास्ते हैं हम सब परेशान तेरी सलामती और सेहत के लिए मन है बेचैन हर घडी हर पल है नई आशाएं, नए सपने नए रिश्ते जुड़ने की, स..."
Roshi: आशीर्वाद
Roshi: आशीर्वाद: "सखी जो खुद थी कभी नव परणीता ,आज है दुल्हन लाई खुशियाँ भर निज अंचल में ,उमंग है उसके अंग अंग समाई &nb..."
Roshi: आशीर्वाद
Roshi: आशीर्वाद: "सखी जो खुद थी कभी नव परणीता ,आज है दुल्हन लाई खुशियाँ भर निज अंचल में ,उमंग है उसके अंग अंग समाई &nb..."
Roshi: सुबह
Roshi: सुबह: "सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा, व्यायाम और न ही ध्यान सुबह से मन है व्याकुल और परेशां कब कहाँ खो गया मन और ध्या..."
Roshi: जन्म दिन की शुभ कामना
Roshi: जन्म दिन की शुभ कामना: "AANYA पाया है परिवार ने प्रकृति का अनुपम उपहार कर दिया है जिसने हर्षित मन सबके अपार अबोध कलिका से पाया है नवनिर्मल रिश्तों का संसार ..."
Roshi: Roshi: जन्म दिन की शुभ कामना
Roshi: Roshi: जन्म दिन की शुभ कामना: "Roshi: जन्म दिन की शुभ कामना: 'पाया है परिवार ने प्रकृति का अनुपम उपहार कर दिया है जिसने हर्षित मन सबके अपार अबोध कलिका से पाया है नवनिर्मल ..."
Roshi: सावन की यादें
Roshi: सावन की यादें: "प्यारी बिटिया ............. सावन की बदरी में झूलो की डोरी में तुम याद बहुत आओगी बारिश की फुह..."
Roshi: फागुन की मस्ती
Roshi: फागुन की मस्ती: "फागुन की मस्ती है तन मन में है छाई बगियन में कोयल ,कुंजन में बौर है अलसाईं नित नवपल्लव संग ,पुष्पों से बगिया है महकाई ..."
Roshi: आन्या की पहली होली
Roshi: आन्या की पहली होली: "लाडो को मुबारक हो पहली होली साथ में होगी मम्मी -पापा की ठिठोली चाचू और दादी भी रंग खेलें और मुस्कराएँ हर्षित मन सबके लें वो ढेरों ..."
Roshi: उमंग
Roshi: दोस्ती
Roshi: दोस्ती: "कुछ सुख हर इंसा की किस्मत को नहीं होते नसीब पर इस सुख का हमने आनन्द उठाया है भरपूर और खूब आज जी हमारा चाहा कि हम इसको बाँटें सबसे..."
Roshi: ऐसा क्यो होता है ?
Roshi: ऐसा क्यो होता है ?: "ईश्वर ने दी अनुपम सौगात लड़का हो या लड़की पर हमारा मन तो खबर सुनते ही उस विधाता पर दोषारोपण करने लग जाता है ..."
Roshi: नव-वर्ष 2011
Roshi: नव-वर्ष 2011: "नया साल आया, साथ में सपने हजारों लाया करें ना हम खुद से क्यूँ ना एक पक्का वायदा जो चाहतें, उम्मीदें ,वायदे और भूलें थे अपने सपने....."
Roshi: ''जहाँ चाह है, बहां राह है''
Roshi: ''जहाँ चाह है, बहां राह है'': "कुछ कर गुजरने की थी मन में चाह जो जज्बा, हिम्मत था मन में कंही दबा . &nbs..."
Roshi: सर्दी
Roshi: सर्दी: "सर्दी कि वो ठिठुरती रात नहीं भूलती क्रश्काए शरीर, पड़ी झुर्रियों के साथ जो चाहता था एक टुकड़ा कम्बल का और मुट्ठी भर धूप हड्डियाँ जिसकी र..."
Roshi: बेटियां
Roshi: बेटियां: "रूई के फाए सी नरम ,मासूम और कोमल होती है पैदा पर ईश्वर भी देता है मजबूत ,बज्र सा दिल उनके अंदर उम्र के साथ साथ मासूमियत ,नरमाहट..."
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