जन्म से मृत्यु तक हर इंसा के दिल को अजीज है
बहु के पाँव भरी होने से शुरू होता है इंतजार
पोता या पोती, दादा- दादी, नाना-नानी को रहता है इंतजार
नवागत का आगमन कर देता है घर को गुलजार
कब चलेगा, कब बोलेगा, कब बैठेगा अब है यह इंतजार
कौन सा स्कूल, कौन सा कालेज क्या करियर होगा तब-तक
युबाओं में अब जागी है अपने प्रियतम से मिलन का इंतजार
माँ को भी होता बहु और दामाद का घर आगमन का इंतजार
रिश्ता तय हुआ, शुरू होता अब विबाह ही बेला का इंतजार
है न कितनी खूबसूरत यह इंतजार नाम की बला
कट जाती है पूरी जिन्दगी इंतजार ही इंतजार में .
ख़तम न होता यह जीवन में एक बार .....