भाई -दूज का त्यौहार प्रतीक है पवित्र रिश्ते का बहन का भाई से ,
खिल उठता है भाई का मन ,देखकर जब बहन है आई ससुराल से
दोनों होते हैं सदेव जुड़े एक प्रेम की अद्रश्य ,अद्भुत डोरी से
कितने भी रहें दूर एक दूजे से त्यौहार ले आता करीब उनको प्रेम से
हमारे संस्कार ,परम्पराएं ,त्यौहार सब रिश्तों को रखते समेट के
खिचे चले आते हैं दोनों मिलने को सात समंदर पार से भी
मन रहता है बेचैन दोनों का परस्पर ना मिलने पर भी
--रोशी
