शनिवार, 19 मार्च 2011

होली

होली का त्यौहार आ रहा है ,
साथ में रंगों की बौछार ला रहा है
लाल, पीले ,हरे, नीले रंगों का है अदभुत संसार 
हर रंग से हम देखते और खेलते आये हैं होली पर हर बार 
पर कुछ रंग तो पक्के दिए हैं ईश्वर ने हमको अपार
अदभुत रंगों से की है मानव रचना और बनाया यह संसार 
इन रंगों को पहचानने की शक्ति भी दी है ईश्वर ने विविध प्रकार 
कन्हैया का माखन चोरी,सखियों को छेड़ने पर बदलता रंग 
यशोदा मैया पहचान लेती है अपने लाल का होता फीका रंग 
पति -पत्नी फ़ौरन ही पहचान लेते है अविश्वास से उभरता काला रंग 
चोरी पकड़ने पर चेहरे का बदलता रंग होता सफ़ेद रंग  
मतलब निकलने पर इंसा का हर लम्हे बदलता रंग 
यह रंग सब कह देते है और बता देते है इंसा की जात का रंग 
प्यार का रंग तो अदभुत छठा ही बिखेर देता है 
बदल ही देता है सम्पूर्ण व्यक्तित्व और जीवन को बना देता सतरंग 
ईश्वर के रंग में रंगे भक्त की काया का भी होता है अदभुत रंग 
धोखा खाये दिल का रंग हमारी जिन्दगी को करता है बदरंग  
तो यह हैं ईश्वर प्रदत्त भीतर छुपे कुछ अलग-थलग रंग 
होली के रंग तो आते है पल भर के लिए यह तो बस एक दस्तूर 
हर पल इनकी होती अलग कहानी और अलग है इनका रूप 
पर जैसा भी है यह पर्व है बहुत खूब ...
इसलिए आपको भी मुबारक को इन रंगों की होली का स्वरुप ..
सभी पढने बालो को होली की बहुत- बहुत शुभ कामनाये... 
होली मुबारक ...



       
       

मुख्यमंत्री

(हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी के आने के उपलक्ष्य में)
जिले में आज धूम है, शोर है, मुख्यमंत्री के आने का जोर है 
सभी सड़के, मोहल्ले रहे हैं जगमगा 
अफसर और मातहत सबकी थमी है धड़कन 
बहिन जी आये और चली जाएँ यही है मन में अड़चन 
कब ना मालूम दंगा- फसाद हो जाए या हो जाए उत्पात 
पिसती तो जनता ही है पर चाहें जो हो वाद-विवाद 
सारे गावं, अस्पताल, स्कूल इमारते रहीं हैं चमक 
काश ऐसा ही हो हमारे नेता रोज करें दौरा पर यका- यक 
तभी पता चलेगी उनको हमारी जनता की असलियत 
सरकारी दौरों पर तो चमक- दमक, पर फिर छाती मनहूसियत 
दोनों तरह से पिसी तो जनता और बढ गया एक नया कर (टैक्स)
जितने ज्यादा सरकारी दौरे , उतनी ज्यादा हमारी बर्बादी 
हमारी अनपढ भोली जनता कभी देखने हैलीकॉप्टर है आती 
कभी वो हीरो कभी हिरोइन के झासे में है फस जाती 
फायदा इसका खूब उठाते हैं हमारे देश के कर्ण धार नेता 
जनता जाए भाड़ में मजा वो खूब उठाते हैं..   


गुरुवार, 3 मार्च 2011

Roshi: अदिति की कामयाबी पर

Roshi: अदिति की कामयाबी पर: "प्रिय बिटिया तुमने जो कर दिखाया वो था नामुमकिन पर हमारे दिए ,गए संस्कार ,प्यार ,आदर्शों पर चलकर कर दिखाया तुमने नामुमकिन भी ..."

अदिति की कामयाबी पर

प्रिय बिटिया तुमने जो कर दिखाया वो था नामुमकिन
पर हमारे दिए ,गए संस्कार  ,प्यार ,आदर्शों पर 
चलकर कर दिखाया तुमने नामुमकिन भी मुमकिन 
कहना बहुत आसालगता है पैर कर गुजरना है कठिन 
कई बार तुम्हारी भी हिम्मत टूटी ,और मेरी बढ़ी धरकन 
पर मुझको था भरोसा तुम पर ,तुम्हारी क़ाबलियत पर 
की कर जाओगी  सारी मुश्किलें पर और बड़ा दोगी शान 
मुझे तुम पर और तुम्हारी बेटी को होगी तुम पर शान 
वो भी माँ से सीख्गी बचपन से    महनेत और लगन 
हमारे लिए यह खुशयां क्या मायेने रखटी  है तुम्हे नहीं मालूम 
लगा जैसे ढेर सा सुख आ गया पल भर में दामन में 
हमने तो हिम्मत दी पर समंदर में कूदी थी तुम खुद हिम्मत से 
और मिल ही गया तिनके का सहारा , और अब जल्द मिलेगा किनारा 
गर थान लो तो कुछ भी नहीं है नामुमकिन ,यह दिखा दिया तुमने 
जो हमारा सपना था उसकी पा ली है मंजिल तुमने 
इश्वर से है प्रार्थना दे वो तुमको हिम्मत और जज्बा कामयाबी का 
यक़ीनन तुम खुद पर रस्क करोगी ,फक्र करोगी मंजिल पाकर 
यूं तो मेह न त   सभी करते है पर तुमने ससुराल में नवजात बच्ची के साथ  
किया है वो करिश्मा जो   हर   किसी  के न बस की बात 
हमारी हैं दुआएं की इसी तरह करती रहो मंजिलें पार 
ताकि हम बता सकें बच्चों  को कि सीखो अदिति से एक बार                                     


ममता

माँ की ममता भी कितनी होती है अजीब 
यह ममता ही हमेशा बनती है बालक का नसीब 
जो बच्चे जन्मते ही खो बेथते  है माँ का साथ 
उन बच्चों का जीवन भी न रहता सजीव
कैसे कैसे  कस्त उठाकर और अपना सब कुछ भुलाकर 
माँ का जीवन तो जैसे सब कुछ घूमता बालक के करीब 
अपनी ख़ुशी ,अपने गम ,अपने शौक ,अपने अरमान 
कुछ भी न रहता याद माँ को जब होता है उसका लाडला करीब 
बालक हँसे ,माँ मुस्कराए ,बालक उदास माँ घबराये 
जब भी हो लाल उसका कामयाब ,माँ अपने भाग्य पर  इतराए 
ऐसी होती है माँ की ममता ,जिसको देवता भी ना  जान पाए     

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...