शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

 साल ख़त्म होने को आ गया ,सोचा विगत वर्ष में क्या खोया -पाया

सुकून भरी जिन्दगी जी ,खुदा की नेमतों का भरपूर लुत्फ़ उठाया
अपनों के साथ जिए जीवन के बेहतरीन लम्हे और उनका आनंद उठाया
कोरोना से भी जीती जंग ,परिवार संग खुशगवारी से पूरा वर्ष बिताया
जब जोड़ -घटाव किया तो खुद की जिन्दगी को नफे में ही पाया
दोस्तों के साथ गुजारा साल बस चुटकियों में ही झट गुजर गया
हाल पूछते हैं जब वो हमारा ,उनके फ़ोन के इंतजार में दिन झट गुजर गया
छोटी -छोटी खुशियों को समेटते रहे साल कब गुजरा अंदाज़ा भी ना हुआ
है अर्ज़ उपरवाले से गुजार दे बाकी जिन्दगी यूँ ही जैसे पिछला वर्ष गुजर गया
--रोशी
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  जिन्दगी बहुत बेशकीमती है ,उसका भरपूर लुफ्त उठाओ कल का पता नहीं तो आज ही क्योँ ना भरपूर दिल से जी लो जिन्दगी एक जुआ बन कर रह गयी है हर दिन ...