शुक्रवार, 22 अगस्त 2014

आधुनिकता का कहर

इस ज़माने में कई चीज़े हैं जो मिलनी नामुमकिन सी हो गयी हैं .......
पार्टीस में हाय- हेल्लो करने वालों की दुनिया में भरमार मिलेगी
पर आपके दुःख को समझने वाली दोस्तों की कमी मिलेगी
माता -पिता तो आपको समाज में ढेरों मिलेंगे
पर बच्चों के साथ वक्त गुजारनेवाले शायद दो चार मिलेंगे
हर इंसा की जिंदगी में मसरूफियत इतनी बड गयी है
कि सच्चे रिश्तेदार भी दो चार मिलेंगे
घर -व्यापार के लिए कर्मचारी तो सैंकडो मिलेंगे
पर काम को अपना समझने वाल्व ना मिलेंगे
दुःख -दर्द बांटने को सारा समाज इकठा होगा
पर दर्द समजने वाले एक दो भी ना होंगे
अस्पताल में फोन तो मिजाजपुर्सी वास्ते ढेरों आएंगे
पर वहां रहने वाले हरगिज़ ना मिलेंगे
दुःख तकलीफ में राय देने वाले ढेरों हमदर्द मिलेंगे
पर सही मशवरा देने वाले दूंदे ना मिलेंगे
सच कहूँ तो आस -पास बच्चे तो ढेरों मिलेंगे
पर माँ -बाप के लिए फ़र्ज़ पूरा करने वाले दो चार ही मिलेंगे ...........




छुट्टी वाले दिन अचानक दो- चार दिन पहले जी टीवी का जिंदगी चैनल देखा ,बहुतअच्छे लगे उसके प्रोग्राम .....अब जिसको भी बता रहे हैं सभी कह रहे हैं हम भी देख रहे हैं लगता है हम सभी सोनी ,कलर्स ,स्टार आदि सभी चैनलों के फूहड़ ,भद्दे प्रोग्राम्स से ऊब चुके हैं ..लिपा-पुता चेहरा ,भारी लहंगे ,साडी ,ढेरसे विलेन,बनावटीपन आखिर हमारे चैनल वाले कुब तक हम सबको बेबकूफ बनाते संयुक्त परिवारों की धज्जी जिस तरह यह उड़ाते हैं वो नाकाबिले वर्दाश्त होता जा रहा है .......एक हफ्ते में ही जिंदगी चैनल के हमको ढेरों प्रशंसक मिल गए ...जागो चैनल वालों जागो

  श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...