रविवार, 6 मार्च 2022

मुश्किलें कितनी भी आयें कर्म करते रहो
भले ही डगर कितनी कंटीली हो शांत भाव से चलते रहो
जब लगे घिरे हो गहन अंधकार में पर रोशनी को ढूंढते रहो
धैर्य ,संयम का दामन कस कर थामे रहो मजबूती से पकड़े रहो
करिश्मे जरूर होते हैं ,बेखौफ अपनी राह पर चलते रहो
खुश रहो ,सकारात्मक्ता फैलाते रहो ,निराशा की धुंध में ना बहको
किनारा तो तूफान में फंसी किश्ती को भी मिलता जरूर है बस पतवार थामे रहो
अवसाद ,निराशा को तनिक दिलो -दिमाग पर हावी ना होने दो दोस्तों ,अपना प्रयास जारी रखो
देर- सबेर कामयाबी चूमेगी आपके कदम बस कभी मिलती कुछ अरसे में कभी गुजर जाते हैं बरसों
--रोशी

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