शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011
Roshi: गणतंत्र दिवस
Roshi: गणतंत्र दिवस: "गणतंत्र दिवस आया और चला गया वही परेड,वही ध्वजारोहण ,वही भाषण दोहराया गया बात तो हमारे नेता सब आधुनिकता की करते है पर हमारे न..."
गणतंत्र दिवस

वही परेड,वही ध्वजारोहण ,वही भाषण दोहराया गया
बात तो हमारे नेता सब आधुनिकता की करते है
पर हमारे नेता परम्पराएं वही पुरानी दोहरातें है
जब हमारे नेता ,देश के करनधार आज भी
कही भी ,कुछ भी नया नहीं सोच पाते है
तो फिर क्यों ? वो हमसे कुछ नया चाहते हैं
गाँधी नेहरु और इन्द्रा को ही दोहराते है
क्यूंकि वो सब उनकी मज़बूरी है -परंपरा है
क्यों नहीं एक भी बार "सालस्कर" ,"करकरे" ,"अशोक कामते"..
![]() |
"सालस्कर" ,"करकरे" ,"अशोक कामते". |
बच्चे, युवा ,बुजुर्ग लगभग सभी हैं परिचित हैं इन नामो से
उनकी क़ुरबानी ,जज्बा ,देश प्रेम से ही कुछ सीखें हम
अपनी जान गंवाकर इन शहीदों ने भी दिया है बहुत कुछ
हमको ,हमारे देश को ,हमारी आने वाली नस्लों को बचाकर
हमारे नेताओं ने इन सभी वीरों को कर दिया सम्मानित
और कर दी गयी ईतिश्री उनके बलिदानों की
इनके त्याग , इनके हौसलों की खबरें तो छपी
पर उस कवरेज को भी ढँक लिया हमारे नेताओं ने
नेताओ और आतकियों के आगे तो हमारे शहीद छुप गए
और भुला दिए गए उनके बलिदान, हमारे गणतंत्र दिवस पर
क्यूंकि २६ जनवरी को यूँही इसी रूप में मनाना
हमारी परंपरा है ......मज़बूरी है ...?
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
हिंदी दिवस के अवसर पर ...हिंदी भाषा की व्यथI ----------------------------------------- सुनिए गौर से सब मेरी कहानी ,मेरी बदकिस्मती खुद मेरी...
-
रात का सन्नाटा था पसरा हुआ चाँद भी था अपने पुरे शबाब पर समुद्र की लहरें करती थी अठखेलियाँ पर मन पर न था उसका कुछ बस यादें अच्छी बुरी न ल...
-
हम स्वतंत्रता दिवस पूरे जोशो खरोश से मना रहे हैं बेशक हम अंग्रेजों की गुलामी से तो आजाद हो गए हैं धर्म ,जाति की जंजीरों में हम बुरी तरह जक...
-
आया था करवा चौथ का त्यौहार काम बाली-बाई देख चौक गए थे उसका श्रंगार पिछले कई महीनो से मारपीट, चल रही थी उसके पति से लगातार चार दिन पहले ही...