शुक्रवार, 4 फ़रवरी 2011
Roshi: गणतंत्र दिवस
Roshi: गणतंत्र दिवस: "गणतंत्र दिवस आया और चला गया वही परेड,वही ध्वजारोहण ,वही भाषण दोहराया गया बात तो हमारे नेता सब आधुनिकता की करते है पर हमारे न..."
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
हिंदी दिवस के अवसर पर ...हिंदी भाषा की व्यथI ----------------------------------------- सुनिए गौर से सब मेरी कहानी ,मेरी बदकिस्मती खुद मेरी...
-
रात का सन्नाटा था पसरा हुआ चाँद भी था अपने पुरे शबाब पर समुद्र की लहरें करती थी अठखेलियाँ पर मन पर न था उसका कुछ बस यादें अच्छी बुरी न ल...
-
हम स्वतंत्रता दिवस पूरे जोशो खरोश से मना रहे हैं बेशक हम अंग्रेजों की गुलामी से तो आजाद हो गए हैं धर्म ,जाति की जंजीरों में हम बुरी तरह जक...
-
आया था करवा चौथ का त्यौहार काम बाली-बाई देख चौक गए थे उसका श्रंगार पिछले कई महीनो से मारपीट, चल रही थी उसके पति से लगातार चार दिन पहले ही...
5 टिप्पणियां:
बात एक दम सही और हम भी वही. बधाईयां.
Unable to read full Post ? some technical Problem ! Plz. correct it. thanks
बिलकुल सही कहा आपने . बधाई स्वीकारें- अवनीश सिंह चौहान
रोशी जी मैंने चेक कर लिया । URL सही है । आपका
ब्लाग BLOG WORLD .COM से खुल रहा है ।
धन्यवाद
सत्य वचन रोशी जी
बसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई हो
एक टिप्पणी भेजें