मंगलवार, 22 नवंबर 2022

 वक़्त और हालात के मुताबिक खुद को ढालना उचित है

हवा के विपरीत जो भी चला है ,उसने सदेव नुकसान उठाया है
सागर में भी नौका का रुख नाविक हवा के अनुकूल ही खेता है
यह ही नियम जीवन में लागू सदियों से सदेव होता आया है
वेद,पुराण ,इतिहास सब बताते हैं कि यही नियम इस्तेमाल होता आया है
परस्पर संधि प्रस्ताव ,आत्मसमर्पण इसी नियम के पर्याय रहें हैं
शायद कामयाबी उनको ही मिली बाकी तो नेस्ताबूत होते आये हैं
--रोशी
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