मंगलवार, 21 जून 2011

कोमल अहसास

15th June 
आज है बेटे का जन्म दिन 
प्रफुल्लित है, आह्वावादित है तनमन 
जन्म दिन के साथ ही याद आता है मासूम क्रदन

प्रथम स्पर्श,उस मासूम का कोमल स्पंदन 
छू छूकर देखा था बार- बार उस नन्ही सी जान को 
और पाया था अदभुत, आत्मिक, संतोष तनमन को 

वो नवजात शिशु का टकटकी लगा कर देखना 
भिगो गया था सर्वस्व आत्मा को, प्रत्येक छण 
किसी भी चीज की अदभुत चाह और उसको पाना 

न कर सकती हूँ वयां क्यूंकि यह जिसने चाह उसी ने है जाना 
की कैसे हो सकता वयां ....


  कुम्भ है देश विदेश सम्पूर्ण दुनिया में छाया असंख्य विदेशियों ने भी आकार अपना सिर है नवाया सनातन में अपना रुझान दिखाया ,श्रधा में अपना सिर ...