शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2022

 रसोई से आती सुवासित पकवानों की खुशबू

दे जाती है आने वाले त्योहारों की दस्तक घर को
दीपावली का त्यौहार बिखेर देता है खुशियाँ हज़ार
घर लिपे -पुते हैं दिखते,अतिथि के स्वागत को हैं तैयार
बच्चे चेहकते ,घरों में फुदकते ,बिखराएं ख़ुशी अपार
रसोई ,सफाई ,पूजा की सामग्री , सजावट काम हैं अपार
व्यस्त है सब अपनी तरह मनाना है त्यौहार शानदार
कोई रूठे नहीं यह ही कोशिश करते हैं हर वर्ष बारम्बार
--रोशी



  जिन्दगी बहुत बेशकीमती है ,उसका भरपूर लुफ्त उठाओ कल का पता नहीं तो आज ही क्योँ ना भरपूर दिल से जी लो जिन्दगी एक जुआ बन कर रह गयी है हर दिन ...