सोमवार, 17 फ़रवरी 2014

नवप्रसूता का अप्रितम सौंदर्य




अपने लाल को स्तनपान कराती नवप्रसूता का अप्रितम सौंदर्य
उसकी आँखों से टपकता अद्भुत लाड़-दुलार
कपोलों पे छलकती मातृत्व की लालिमा
माँ की आत्मा भी जैसे एकाकार होने को लालायित
अपने बालक में ,उसके सम्पूर्ण अस्तित्व में
उसके एक रुदन पर माँ का चहक उठना जैसे हुआ हो आघात खुद उस पर
कानों में बजें माँ के सुमधुर घंटियाँ ,ज्यों मुस्का भी दे लाल
क्या ऐसा अद्भुत सौंदर्य धरा पर किसी से तुलना करने योग्य है
इस सौदर्य के आगे सभी विशेषण रह जाते बौने ,कोरे अस्तित्वहीन 

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