शनिवार, 19 मार्च 2011

मुख्यमंत्री

(हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी के आने के उपलक्ष्य में)
जिले में आज धूम है, शोर है, मुख्यमंत्री के आने का जोर है 
सभी सड़के, मोहल्ले रहे हैं जगमगा 
अफसर और मातहत सबकी थमी है धड़कन 
बहिन जी आये और चली जाएँ यही है मन में अड़चन 
कब ना मालूम दंगा- फसाद हो जाए या हो जाए उत्पात 
पिसती तो जनता ही है पर चाहें जो हो वाद-विवाद 
सारे गावं, अस्पताल, स्कूल इमारते रहीं हैं चमक 
काश ऐसा ही हो हमारे नेता रोज करें दौरा पर यका- यक 
तभी पता चलेगी उनको हमारी जनता की असलियत 
सरकारी दौरों पर तो चमक- दमक, पर फिर छाती मनहूसियत 
दोनों तरह से पिसी तो जनता और बढ गया एक नया कर (टैक्स)
जितने ज्यादा सरकारी दौरे , उतनी ज्यादा हमारी बर्बादी 
हमारी अनपढ भोली जनता कभी देखने हैलीकॉप्टर है आती 
कभी वो हीरो कभी हिरोइन के झासे में है फस जाती 
फायदा इसका खूब उठाते हैं हमारे देश के कर्ण धार नेता 
जनता जाए भाड़ में मजा वो खूब उठाते हैं..   


1 टिप्पणी:

Shikha Kaushik ने कहा…

फायदा इसका खूब उठाते हैं हमारे देश के कर्ण धार नेता
जनता जाए भाड़ में मजा वो खूब उठाते
एक एक शब्द में सच्चाई झलक रही है .बहुत सटीक व् सार्थक रचना

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