माँ की ममता भी कितनी होती है अजीब
जो बच्चे जन्मते ही खो बेथते है माँ का साथ
उन बच्चों का जीवन भी न रहता सजीव
कैसे कैसे कस्त उठाकर और अपना सब कुछ भुलाकर
माँ का जीवन तो जैसे सब कुछ घूमता बालक के करीब
अपनी ख़ुशी ,अपने गम ,अपने शौक ,अपने अरमान
कुछ भी न रहता याद माँ को जब होता है उसका लाडला करीब
बालक हँसे ,माँ मुस्कराए ,बालक उदास माँ घबराये
जब भी हो लाल उसका कामयाब ,माँ अपने भाग्य पर इतराए
ऐसी होती है माँ की ममता ,जिसको देवता भी ना जान पाए
6 टिप्पणियां:
माँ की ममता जैसा पवित्र कुछ भी नहीं है।
सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी रचना !
...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
377—47-03-11
माँ की ममता की,कोई समता नहीं होती ..............
माँ की ममता की
कोई समता नहीं होती
उसकी कोई कीमत
नहीं होती
उस से ज्यादा प्यार की
अनुभूती नहीं होती
जिसने पायी उस से
अच्छी किस्मत नहीं होती
निरंतर मिले
हर किसी की किस्मत
ऐसी नहीं होती
जिसने इज्ज़त नहीं करी
उस से ज्यादा बुद्धी
किसी की भ्रष्ट नहीं
होती
07—03-2011
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर",अजमेर
www.nirantarajmer.com
ऐसी होती है माँ की ममता ,जिसको देवता भी ना जान पाए
यकीनन -ऐसी ही होती है माँ की ममता -
बहुत सुंदर रचना -
बधाई.
यकीनन -ऐसी ही होती है माँ की ममता -
बहुत सुंदर रचना -
बधाई.
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