मंगलवार, 26 जुलाई 2011

इंतजार

यह इंतजार भी कितनी खुबसूरत चीज है 
जन्म से मृत्यु तक हर इंसा के दिल को अजीज है 
बहु के पाँव भरी होने से शुरू होता है इंतजार 
पोता या पोती, दादा- दादी, नाना-नानी को रहता है इंतजार 
नवागत का आगमन कर देता है घर को गुलजार 
कब चलेगा, कब बोलेगा, कब बैठेगा अब है यह इंतजार 
कौन सा स्कूल, कौन सा कालेज क्या करियर होगा तब-तक 
युबाओं में अब जागी है अपने प्रियतम से मिलन का इंतजार 
माँ को भी होता बहु और दामाद का घर आगमन का इंतजार 
रिश्ता तय हुआ, शुरू होता अब विबाह ही बेला का इंतजार 
है न कितनी खूबसूरत यह इंतजार नाम की बला 
कट जाती है पूरी जिन्दगी इंतजार ही इंतजार में .
ख़तम न होता यह जीवन में एक बार .....


22 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…

बहुत सही लिखा है आपने सबको किसी न किसी का इंतजार रहता है .सुन्दर रचना .बधाई

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बेहतरीन कविता ....बधाई

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुख की प्रतीक्षा में जीवन बीत जाता है।

Dorothy ने कहा…

बेहद खूबसूरत रचना. आभार.
सादर,
डोरोथी.

vidhya ने कहा…

बेहतरीन कविता ....बधाई

आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.
लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
अगर आपको love everbody का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।

sm ने कहा…

thoughtful
realistic poem

Maheshwari kaneri ने कहा…

इंतजार में ही सारा जीवन बीत जाता है...बधाई

रेखा ने कहा…

यही जीवन है ......इंतजार ,इंतजार और इंतजार ..

S.N SHUKLA ने कहा…

सुन्दर रचना, बेहतर तारतम्य .

Unknown ने कहा…

Intzaar ki mahima nirali hai ..bahut achchha likha hai..

Kunwar Kusumesh ने कहा…

बेहतरीन कविता .

सदा ने कहा…

हर वो पल जो मन को सुकून देता है बस उस क्षण के इंतजार में जीवन का अंत हो जाता है ....सशक्‍त भावों के साथ बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

यही जीवन है .....सुन्दर रचना ......

vandana gupta ने कहा…

वाह बहुत सहजता से सब कह दिया।

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

kuchh bahana mil gaya jindgi ko jeene ka.
intzar na raha to besura raag ho jayega jindgi ka.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

यही जीवन है ..हर पल कुछ नए का इंतज़ार

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

क्या बात लिखी है....
सुंदर रचना...

Neelkamal Vaishnaw ने कहा…

नमस्कार....
बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"

इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्

1- MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......

2- BINDAAS_BAATEN: रक्तदान ...... नीलकमल वैष्णव

3- http://neelkamal5545.blogspot.com

Unknown ने कहा…

mausi!! very nice poems :)

Unknown ने कहा…

Ab kam se kam mujhe aapki rachnaon ke liye intijar to karna hi hoga Roshi Ji.... Bahut hi acchhi rachna.. Aabhar...

विभूति" ने कहा…

sarthak abhivaykti...

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

इंतजार का भी मजा है..
बहुत सुन्दर रचना..
:-)

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...