जन्म से मृत्यु तक हर इंसा के दिल को अजीज है
बहु के पाँव भरी होने से शुरू होता है इंतजार
पोता या पोती, दादा- दादी, नाना-नानी को रहता है इंतजार
नवागत का आगमन कर देता है घर को गुलजार
कब चलेगा, कब बोलेगा, कब बैठेगा अब है यह इंतजार
कौन सा स्कूल, कौन सा कालेज क्या करियर होगा तब-तक
युबाओं में अब जागी है अपने प्रियतम से मिलन का इंतजार
माँ को भी होता बहु और दामाद का घर आगमन का इंतजार
रिश्ता तय हुआ, शुरू होता अब विबाह ही बेला का इंतजार
है न कितनी खूबसूरत यह इंतजार नाम की बला
कट जाती है पूरी जिन्दगी इंतजार ही इंतजार में .
ख़तम न होता यह जीवन में एक बार .....
22 टिप्पणियां:
बहुत सही लिखा है आपने सबको किसी न किसी का इंतजार रहता है .सुन्दर रचना .बधाई
बेहतरीन कविता ....बधाई
सुख की प्रतीक्षा में जीवन बीत जाता है।
बेहद खूबसूरत रचना. आभार.
सादर,
डोरोथी.
बेहतरीन कविता ....बधाई
आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें.
लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
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thoughtful
realistic poem
इंतजार में ही सारा जीवन बीत जाता है...बधाई
यही जीवन है ......इंतजार ,इंतजार और इंतजार ..
सुन्दर रचना, बेहतर तारतम्य .
Intzaar ki mahima nirali hai ..bahut achchha likha hai..
बेहतरीन कविता .
हर वो पल जो मन को सुकून देता है बस उस क्षण के इंतजार में जीवन का अंत हो जाता है ....सशक्त भावों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
यही जीवन है .....सुन्दर रचना ......
वाह बहुत सहजता से सब कह दिया।
kuchh bahana mil gaya jindgi ko jeene ka.
intzar na raha to besura raag ho jayega jindgi ka.
यही जीवन है ..हर पल कुछ नए का इंतज़ार
क्या बात लिखी है....
सुंदर रचना...
नमस्कार....
बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"
इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्
1- MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
2- BINDAAS_BAATEN: रक्तदान ...... नीलकमल वैष्णव
3- http://neelkamal5545.blogspot.com
mausi!! very nice poems :)
Ab kam se kam mujhe aapki rachnaon ke liye intijar to karna hi hoga Roshi Ji.... Bahut hi acchhi rachna.. Aabhar...
sarthak abhivaykti...
इंतजार का भी मजा है..
बहुत सुन्दर रचना..
:-)
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