बगियन में कोयल ,कुंजन में बौर है अलसाईं
नित नवपल्लव संग ,पुष्पों से बगिया है महकाई
प्रकृति ने धरा पर पीत पुष्पों की चादर है फहराई
होली खेलें अदिति संग नीरज देखत माँ है हुलसाई
होली खेलें अदिति संग नीरज देखत माँ है हुलसाई
राघव, अनुभव की मस्ती देख है भावी मुस्काई
होली की बधाई ,बधाई और ढेरों बधाई )--
1 टिप्पणी:
बहुत पसन्द आया
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..
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