रविवार, 23 जनवरी 2011
Roshi: नव शिशु आगमन 2
Roshi: नव शिशु आगमन 2: "मन बेचैन है, परेशांन है, आकुल है हैरान है नवागत के आगमन पर उमंगें है उल्लास है साथ ही मन मैं है भय उस दर्द का नव जीवन के आगमन पर होने ..."
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
हिंदी दिवस के अवसर पर ...हिंदी भाषा की व्यथI ----------------------------------------- सुनिए गौर से सब मेरी कहानी ,मेरी बदकिस्मती खुद मेरी...
-
रात का सन्नाटा था पसरा हुआ चाँद भी था अपने पुरे शबाब पर समुद्र की लहरें करती थी अठखेलियाँ पर मन पर न था उसका कुछ बस यादें अच्छी बुरी न ल...
-
हम स्वतंत्रता दिवस पूरे जोशो खरोश से मना रहे हैं बेशक हम अंग्रेजों की गुलामी से तो आजाद हो गए हैं धर्म ,जाति की जंजीरों में हम बुरी तरह जक...
-
आया था करवा चौथ का त्यौहार काम बाली-बाई देख चौक गए थे उसका श्रंगार पिछले कई महीनो से मारपीट, चल रही थी उसके पति से लगातार चार दिन पहले ही...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें