रविवार, 23 जनवरी 2011

Roshi: फागुन की मस्ती

Roshi: फागुन की मस्ती: "फागुन की मस्ती है तन मन में है छाई बगियन में कोयल ,कुंजन में बौर है अलसाईं नित नवपल्लव संग ,पुष्पों से बगिया है महकाई ..."

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                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...