शुक्रवार, 3 जून 2011

रिश्ता वफ़ा का

एक विकलांग पुरुष चड़ा दुकान पर धीरे- धीरे 
माँगा उसने पत्नी के लिए नाक का फूल  
दिखाए थे उसको कई डिज़ाइन पर न एक भी कर पाया पसंद 
बाइक पर बैठी थी बाहर पत्नी , ले जाकर दिखाता था उसको बार- बार 
खीझ कर हमने कहा क्यूँ नहीं पत्नी को बुलाते हो एक बार 
फ़ौरन बोला वो नहीं आ सकती है वो बीमार  
शक हुआ , बाहर झाका गौर से देखा उसको एक बार 
उसी पैर से विकलांग पुरुष की पत्नी भी थी विकलांग 
नाक का फूल खरीदकर गया वो पत्नी के पास हंसकर 
दोनों विकलांग पति -पत्नी का हौसला देखकर 
मन दे रहा था उनको ठेरों दुआएं बार- बार 
काश ऐसा की होता हम सब का जीवन -संसार
जिसमे होता प्यार और विश्वास भरा उल्लास ...


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