होली आयी,फिजाओं में सप्तरंग और बागों में भी है कोयल चेह्काई
ब्रिध -बालक ,नर -नारी और युवा तन -मन सभी पर है मस्ती छायी
रंग ,गुलाल इतर की खुसबू इन सबने है अद्भुत छठा बिखराई
गुझिया ,समोसे ,चाट -पकोड़ी और प्रेमियौं ने तो है भांग घुट्वाई
जीजा -साली ,देवर -भावी जैसे सभी रिश्तों ने दी है होली की दुहाई
लाल -पीले ,,हरे- नीले सरीखे रंग और गुलाल में रंगकर है मनाई
है हम सबने खूब होली है मनाई ,,,खूब होली मनाई ............
5 टिप्पणियां:
बहुत रंगमयी प्रस्तुति..
होली का उन्माद सर चढ़कर बोलता है।
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अच्छी रही होली … जो अब हो'ली !
अगली होली तक के लिए
हार्दिक शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत सुंदर ...शुभकामनायें
होली का रंगमय वर्णन ! बधाई !
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