शनिवार, 17 मार्च 2012

होली

होली आयी,फिजाओं में सप्तरंग और बागों में भी है कोयल चेह्काई
ब्रिध -बालक ,नर -नारी और युवा तन -मन सभी पर है मस्ती छायी
रंग ,गुलाल इतर की खुसबू इन सबने है अद्भुत छठा बिखराई
गुझिया ,समोसे ,चाट -पकोड़ी और प्रेमियौं ने तो है भांग घुट्वाई
जीजा -साली ,देवर -भावी जैसे सभी रिश्तों ने दी है होली की दुहाई 
लाल -पीले ,,हरे- नीले सरीखे रंग और गुलाल में रंगकर है मनाई 
है हम सबने खूब होली है मनाई ,,,खूब होली मनाई ............  

5 टिप्‍पणियां:

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत रंगमयी प्रस्तुति..

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

होली का उन्माद सर चढ़कर बोलता है।

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

.


अच्छी रही होली … जो अब हो'ली !

अगली होली तक के लिए
हार्दिक शुभकामनाओं-मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत सुंदर ...शुभकामनायें

sushila ने कहा…

होली का रंगमय वर्णन ! बधाई !

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...