जब गर्भ में थी बिटिया तो कभी ना आया ख्याल उस गुनाह का
क्यूंकर हम हत्या करने जा रहे थे मासूम जिंदगी की ,नन्ही कली की
क्योँ ना हुआ गुमा हमको एक पल भी उस मासूम का अस्तित्व नेस्ताबूत करते वक्त
जब -जब कोई पायल की सुनेंगे रुनझुन याद आयेगी यह ही बिटिया
रंगीन ओड़नी,सितारों से लकदक लहंगा देख रोयेगा मन इस बिटिया को याद कर
हाथों पर मेहँदी के बूटे सखियों के देख रुकेगी ना आंसूओ की लड़ी
नवरात्रों में जब ना होगी कोई कन्या आसपास पूजने को उसके पाँव
भाईओं की जब रहेगी सूनी कलाई ,ना दिकेगी कोई बहिन उनके आस -पास
माँ की पीड जो समझ लेती चुटकी बजाते पल -भर में ,
नन्ही कलाइयों में रंग -बिरंगी चूड़ी खनकाती ना नज़र आएगी मासूम बिटिया
सुबह आँख खुली और सपना टूटा,और बच गए हम उस गुनाह से
जो करने जा रहे थे क्रूरतम पाप अपने हाथों से
क्योँ ना हुआ गुमा हमको एक पल भी उस मासूम का अस्तित्व नेस्ताबूत करते वक्त
जब -जब कोई पायल की सुनेंगे रुनझुन याद आयेगी यह ही बिटिया
रंगीन ओड़नी,सितारों से लकदक लहंगा देख रोयेगा मन इस बिटिया को याद कर
हाथों पर मेहँदी के बूटे सखियों के देख रुकेगी ना आंसूओ की लड़ी
नवरात्रों में जब ना होगी कोई कन्या आसपास पूजने को उसके पाँव
भाईओं की जब रहेगी सूनी कलाई ,ना दिकेगी कोई बहिन उनके आस -पास
माँ की पीड जो समझ लेती चुटकी बजाते पल -भर में ,
नन्ही कलाइयों में रंग -बिरंगी चूड़ी खनकाती ना नज़र आएगी मासूम बिटिया
सुबह आँख खुली और सपना टूटा,और बच गए हम उस गुनाह से
जो करने जा रहे थे क्रूरतम पाप अपने हाथों से
1 टिप्पणी:
bahut sunsdar v sarthak post .aabhar
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