ईश्वर ने जब संरचना की मां की ,अनगिनत विशिष्ठ गुणों से बनाया
प्रेम,वात्सल्य ,धेर्य ,वीरता ,ममता सरीखे अनेका एक गुणों का मिश्रण बनाया
इंसान हो या पशु -पक्षी मां की संरचना में अद्भुत खूबियों का समावेश कर बनाया
कुदरतन बच्चे पर मंडराते खतरे से लड़ने को उसमें रोद्र रूप भी है समाया
नर्म दिल वाली मां को समस्त तकलीफों से जूझना भी भलीभांति खुदा ने सिखाया
जान को जोखिम में डाल बालक की अभेद ढाल बनना सिर्फ माँ को ही सिखाया
दुनिया की हर कला ,गुणों की है खान हर माँ उसको है अद्भुत खुदा ने बनाया
निज औलाद पर सर्वस्व न्योछावर करने का जज्बा सिर्फ मां में ही ईश्वर ने समाया
सर्वश्रेठ कृति की रचना कर ईश्वर ने धरती पर मां को विशिष्ठ दर्ज़ा दिलवाया
--रोशी
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