सोमवार, 13 दिसंबर 2010

जन्म दिन की शुभ कामना

AANYA 
पाया है परिवार ने प्रकृति का अनुपम उपहार
कर दिया है जिसने हर्षित मन सबके अपार
अबोध कलिका से पाया है नवनिर्मल रिश्तों का संसार
कलरव है, ध्वनि  है ,स्वर है और है नई पुकार
 मम्मी ,पापा ,दादी नानी बूया ,चाचा नूतन शब्दों कीटंकार
भर दिया है जिसने  सबके मन उमंग ,प्यार और दुलार
दुआएं हैं हमारी फूलो ,फलो और  पाओ सबका प्यार
कल तक थीवह अबोध बालिका अदिति आज है सद्ध  प्रसूता
सफल हुआ है नारीत्व पाकर सुख मातृत्व अनूठा

3 टिप्‍पणियां:

Lata agrwal ने कहा…

your poem is very sweet

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुंदर भाव युक्त कविता

Soma Mukherjee ने कहा…

Beautiful poem Roshi

                                  दिनचर्या   सुबह उठकर ना जल्दी स्नान ना ही पूजा,व्यायाम और ना ही ध्यान   सुबह से मन है व्याकुल और परेशा...