गुरुवार, 17 फ़रवरी 2011
Roshi: बसंत
Roshi: बसंत: "बसंत ऋतू आई ,साथ ही अपने हैं बसंती बयार लाईशरद ऋतू में ,साथ ही थोड़ी सी नरमी भी है आई  ..."
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श्वर प्रदत्त नेमतों की खुशियों के अहसास से महरूम क्यूँ रहते हम स्वस्थ काया सबसे कीमती तोहफा है ईश्वर का जिसमें जीते हैं हम दुनिया में बेशु...
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आज हुई मुलाकात एक नवयुवती से जिसकी हुई थी अभी-अभी सगाई मुलाकात हुई उसकी काली-घनेरी फैली जुल्फों से ...
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मुखौटे चडे हैं चेहरों पर ,पहचानना है नामुमकिन गर मुखौटा हटा कर देखो हर चेहरा मुस्कराता दिखेगा यक़ीनन बड़े से बड़े शूरवीर भी खा गए धोखा असल नक़...
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2 टिप्पणियां:
आशावादी सुंदर लेख
आशावादी सुंदर लेख
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